मिलेंगे ये 5 बेमिसाल फायदे रागी का सेवन करने से जानिए

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रागी एक बार पक कर तैयार हो जाने पर इसका भण्डारण बेहद सुरक्षित होता है। इस पर किसी प्रकार के कीट या फफूंद हमला नहीं करते। इस गुण के कारण निर्धन किसानों हेतु यह एक अच्छा विकल्प माना जाता है। इस अनाज में अमीनो अम्ल मेथोनाइन पाया जाता है, जो कि स्टार्च की प्रधानता वाले भोज्य पदार्थों में नही पाया जाता। 100 ग्राम रागी में प्रोटीन 7.3 ग्राम, वसा 1.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 72 ग्राम, खनिज 2.7 ग्राम, कैल्शियम 3.44 ग्राम, रेशा 3.6 ग्राम, ऊर्जा 328 किलो कैलोरी पाई जाती है। रागी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। इससे कई बीमारियों में लाभ मिलता है। आइये जानते हैं रागी के 5 बेमिसाल फायदे।

रागी के सेवन से होते हैं 5 बेमिसाल फायदे, पहला फायदा जान आप भी हैरान रह जाएंगे

1.कैल्शियम की कमी पूरा करे

रागी का आटा किसी भी अन्य अनाज की तुलना में कैल्शियम के सर्वोत्तम गैर-डेयरी स्रोतों में से एक है। भारत में राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार, 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। कैल्शियम स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण है और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम (एक बीमारी जो हड्डियों को कमजोर करती है) में मदद करती है । “यह बढ़ते बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है उन्हें यह रागी दलिया के रूप में दिया जा सकता है”।

2.हड्डियों के विकास में मददगार

कैल्शियम की कमी बच्चो से लेकर बूढों दोनों में ही जादा देखी जाती है जिसके लिए हम कैल्शियम की बहुलता वाले अनाज की बात करते है तो कोई अन्य अनाज रागी के करीब नहीं आता है। बढ़ते बच्चों के आहार में रागी कांजी या दलिया शामिल करना इसके लाभ उठाने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि इससे हमारी हड्डियों को मज़बूत होने में मदद मिलती है। बाजरा की रोटी, कैल्शियम से भरपूर यह अनाज महिलाओं के स्वास्थ्य का सम्पूर्ण ख्याल भी रखने में सफल होता है।

3.वजन घटाने में फायदेमंद

अगर आप वजन कम करने के लिए कम वसा वाले आहार की तलाश कर रहे है तो रागी आपका आंसर होगी, इसमें वसा अन्य अनाजों से कम कम होती है और ये असंतृप्त रूप में होती है। आप चाहे तो रागी को रोटी या चावल की जगह उपयोग कर सकते है इसमें ट्रिप्टोफन नामक एमिनो एसिड भी होता है जो भूख को कम कर देता है। जिसे बजन को बढ़ने से रोका जा सकता है रागी का आटा खाने से हमें भूख कम लगती है और अगर इसका सेवन सुबह किया जाये तो आपका पेट पुरे दिन भरा रहेगा।

4.मधुमेह की बीमारी में लाभदायक

मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति अपने शुगर में ग्लूकोस के स्तर को कम करने के लिए रागी का उपयोग कर सकते है इसमें उच्च पॉलीफेनोल और फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है बाजरा की रोटी, रागी में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो खाना पचाने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। अनाज का बीज कोट चावल, मक्का या गेहूं की तुलना में पॉलीफेनोल और आहार फाइबर में प्रचुर मात्रा में होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड क्रेविंग को कम करता है और पाचन गति को बनाए रखता है, फलस्वरूप, रक्त शर्करा को सुरक्षित सीमा में रखता है।

5.एनीमिया दूर करने के लिए

इसमें आयरन की उच्च मात्रा पायी जाती है अंकुरित रागी खाने के फायदे और भी अधिक होते है क्योकि जब रागी अंकुरित हो जाता है तो इसमें विटामिन c का लेवल बढ़ जाता है जिससे खाने में पाए जाने वाले आयरन का अवशोषण बढ़ जाता है जिससे खून की कमी (एनीमिया से छुटकारा) दूर होती है। रागी प्राकृतिक आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है और इस प्रकार यह एनीमिया के रोगियों के लिए और कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोगों के लिए भी एक वरदान है।

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