कोरोना के खिलाफ नया टीका आईएनसीओवीएसीसी गेम चेंजर होगा, इस तरह फायदेमंद साबित होगा

The new vaccine against Corona will be INCOVACC game changer, thus proving beneficial

भारत में कोरोना के खिलाफ एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। यह वैक्सीन iNCOVACC भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई है। यह वैक्सीन दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन है। यानी इसे नाक से लेना है न कि इंजेक्शन से। यह टीका नाक में बूंदों के रूप में दिया जाएगा।

  • भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन की कीमत तय की है। इसके मुताबिक निजी अस्पतालों को इस टीके की प्रत्येक खुराक 800 रुपये में मिलेगी। इसमें सर्विस चार्ज और जीएसटी जोड़ा जाएगा। तो अंत में वह राशि 1000 जैसी कीमत में उपलब्ध होगी। सरकारी अस्पतालों को 325 रुपये में वैक्सीन मिलेगी और जीएसटी जोड़ने के बाद यह करीब 345 रुपये हो जाएगी।
  • इस वैक्सीन की बुकिंग सरकार के कोविन एप पर की जा सकती है।

  • यह टीका सिर्फ 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए है।

  • यह वैक्सीन जनवरी के अंत से उपलब्ध होगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की नेजल वैक्सीन को गेम चेंजर बना दिया है। क्‍योंकि नेजल वैक्‍सीन सीधे तौर पर फायदेमंद है और कोरोना के खिलाफ ज्‍यादा प्रभावी तरीके से काम करती है। आइए समझते हैं उस वैक्सीन के फायदे।

कोरोना नाक के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश करता है। यह टीका नाक में ही प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है। तो वायरस वहां से प्रवेश करना बंद कर देता है।

– नाक का संबंध हमारे श्वसन तंत्र, फेफड़े आदि से होता है। वहां से वायरस प्रवेश करता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इसके विपरीत यह टीका भी सीधे नाक से होकर वायरस पर हमला करता है।

  • सुई से लगने वाले टीके में सीरिंज, इंजेक्शन आदि की जरूरत होती है, जबकि इस टीके के लिए सिर्फ एक बोतल की जरूरत होती है।

  • सुई से लगाए जाने वाले टीकों के लिए चिकित्सकीय विशेषज्ञ की जरूरत होती है। लेकिन नाक का टीका कोई भी दे सकता है। यानी इस वैक्सीन को देना बेहद आसान है।

  • यह टीका सीरिंज से दिए जाने वाले टीके से भी तेजी से दिया जा सकता है।

  • इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है। तो इसके संरक्षण की लागत कम हो जाएगी।

  • इसका नुकसान यह है कि अगर स्प्रे को नाक में जाने से पहले दबाया जाए तो वह छलक सकता है और टीका अमान्य हो सकता है।

  • यह टीका केवल फेफड़ों के ऊपरी हिस्से की सुरक्षा करता है, जबकि निचले हिस्से को जितनी सुरक्षा मिलनी चाहिए उतनी नहीं मिल पाती है।

  • यह वैक्सीन तेजी से काम करेगी और इसका असर शरीर में इंजेक्ट किए गए वैक्सीन से ज्यादा समय तक रहेगा

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