याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया के इलाज में मददगार हैं अल्ट्रासाउंड तरंगें

मानव में अल्जाइमर रोग की स्थितियों के साथ चूहे को 11 एलआईपीयूएस उपचार तीन महीने की अवधि के लिए दिया कम तीव्रता की अल्ट्रासाउंड तरंगों से डिमेंशिया या अल्जाइमर के मरीजों के संज्ञानात्मक अक्षमता में सुधार हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम तीव्रता वाले स्पंदित अल्ट्रासाउंड (एलआईपीयूएस) का चूहों के दिमाग पर इस्तेमाल करने से बिना दुष्प्रभाव के रक्त वाहिका निर्माण व तंत्रिका कोशिकाओं को पुनर्निर्माण में सुधार दिखाई दिया.

शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह का उपचार मानव के लिए लाभदायी हो सकती है.

जापान के तोहोकू विश्वविद्यालय के हिरोआकी शिमोकावा ने कहा, “एलआईपीयूएस थेरेपी बिना घाव वाली फिजियोथेरेपी है. इसका इस्तेमाल ज्यादा जोखिम वाले बुजुर्ग मरीजों में बिना सर्जरी या एनेस्थेसिया के किया जा सकता है और इसका बार-बार इस्तेमाल हो सकता है.”

ऐसे लोग, जिन्हें Blood pressure यानी रक्तचाप में गिरावट महसूस की, उनमें डिमेंशिया विकसित होने का 54 फीसदी ज्यादा जोखिम पाया गया…

डिमेंशिया यानी पागलपन की ओर इशारा करते हैं आंख के पीले धब्बे!
अल्जाइमर वालों में मोटी रक्त वाहिकाएं पाई जाती हैं, जो खून के प्रवाह को धीमा कर देती हैं.

शोधकर्ताओं के दल ने वेस्कुलर डिमेंशिया वाले चूहे पर एक के बाद एक दिनों दिनों तक इलाज किया. इससे पहले चूहे की एक सर्जिकल प्रक्रिया की गई थी, जिसमें दिमाग के रक्त की आपूर्ति को सीमित किया गया था.

मानव में अल्जाइमर रोग की स्थितियों के साथ चूहे को 11 एलआईपीयूएस उपचार तीन महीने की अवधि के लिए दिया.

इस शोध के परिणामों का प्रकाशन ‘जर्नल ब्रेन स्टीमुलेशन’ में किया गया है, जिसमें चूहों में संज्ञानात्मक अक्षमता में विशेष सुधार हुआ. (इनपुट आईएएनएस)

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