एटीएम से जुड़ी यह जानकारी बड़ी दिलचस्प है, आप भी जानिए
वर्तमान समय में, एटीएम मनुष्य के काफी काम आता है। आप चाहें किसी भी शहर में हो, बिना किसी परेशानी के अपने बैंक अकांउट में रखे पैसों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आज यह उनकी जरूरत का एक हिस्सा बन गया है। तो चलिए आज हम आपको एटीएम से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातें बताते हैं-
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ATM की Full Form है Automated Teller Machine
पूरी दुनिया में लगभग 30 लाख एटीएम है जिनमें से 2.5 लाख ATM भारत में है.
दुनिया की पहली एटीएम मशीन 27 जून साल 1967 को लंदन के बारक्लेज बैंक ने लगाई थी
भारत में पहला ATM सन् 1987 में लगाया गया था. भारत में पहला एटीएम हॉन्गकॉन्ग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) ने मुंबई में लगाया था.
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ATM के अविष्कारक का जन्म भारत में हुआ था. एटीएम बनाने वाले स्काॅटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन का जन्म 23 जून 1925 को मेघालय के शिलॉन्ग में हुआ था, उस समय उनके स्कॉटिश पिता विलफ्रिड बैरन चिटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ इंजीनियर थे.
आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन ATM बनाने वाले बैरन ने कभी अपनी मशीन का पेटेंट नही कराया. वह अपनी टेक्नोलाॅजी को सीक्रेट रखना चाहते है. अगर वो पेटेंट कराते तो उन्हें अपने कोड सिस्टम को पेटेंट एजेंसियों से साझा करना पड़ता. इसलिए उन्होनें पेटेंट ना कराने का फैसला किया.
बता दें कि चार डिजिट का पिन बैरन की पत्नी की देन है। बैरन एटीएम का पिन 6 डिजिट का करने के पक्ष में थे, लेकिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि 6 डिजिट ज्यादा है और लोग इसे याद नहीं रख पाएंगे। इस कारण बाद में उन्होंने चार डिजिट का ATM पिन बनाया। आज भी चार डिजिट का ही पिन चलन में है.
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