जानिए वैज्ञानिकों ने ब्लैकहोल के बारे में यह चीज इतनी देर से क्यों बताई
वैज्ञानिकों ने ज्ञात ब्लैकहोल के निर्माण पर से पर्दा उठा दिया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के चंद्र एक्सरे वेधशाला से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले साल दो न्यूटॉन तारों के विलय के कारण गुरुत्वीय तरंग उत्पन्न हुई थी और संभवत: इसी वजह से सबसे कम द्रव्यमान के ज्ञात ब्लैकहोल का निर्माण हुआ था।

लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव्स ऑब्जर्वेटरी और नासा के फर्मी मिशन ने पिछले साल 17 अगस्त को गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया था। जिसके बाद कई दिन, हफ्तों और महीनों तक आंकड़े एकत्रित किए गए।
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सभी दर्शकों ने जीडब्लयू 170817 तरंगों को दर्ज किया और इस कड़ी में चंद्र से प्राप्त एक्सरे किरणें इस बात को समझने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं कि आखिर दो न्यूट्रॉन तारों के टकराने के बाद क्या हुआ होगा। लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव्स ऑब्जर्वेटरी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर खगोलविदों ने इस बात का लगभग ठीक आकलन कर लिया था कि न्यूट्रॉन तारों के विलय के कारण उत्पन्न खगोलीय पिंड का द्रव्यामन सूर्य की तुलना में 2.7 गुना बड़ा है।

इन आंकड़ों से इस संभावना को बल मिलता है कि पिछले साल की इस खगोलीय घटना से या तो सबसे बड़े न्यूट्रॉन तारे का निर्माण हुआ होगा या सबसे कम द्रव्यमान का ब्लैकोल बना होगा। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि क्यों कि पूर्व में दर्ज खगोलीय पिंड सूर्य के द्रव्यमान से कम से कम चार या पांच गुना बड़े थे।
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