IND vs WI: सीरीज में दबदबा कायम रखने उतरेगी टीम इंडिया

टीम इंडिया आज अपना 950वां वनडे इंटरनैशनल मैच खेलने उतरेगी। यह वह मुकाम है जिसे आज तक किसी टीम ने नहीं हासिल किया है। ऐसे में टीम इंडिया बेहतरीन फॉर्म में चल रहे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की मदद से एक बार फिर वेस्ट इंडीज पर अपना दबदबा कायम रखते हुए इस ऐतिहासिक मैच को यादगार बनाना चाहेगी।
दोनों टीमों में बड़ा गैप
पांच मैचों की सीरीज के पहले मैच में वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजों ने अच्छा खेल दिखाते हुए 300 से ज्यादा का स्कोर किया, लेकिन बोलर्स एक अच्छे टोटल को भी डिफेंड करने में नाकाम रहे। वेस्ट इंडीज की अनुभवहीन बोलिंग को देखते हुए वेस्ट इंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने कहा कि यदि कैरेबियाई टीम 400 रन भी बना लेती तो भी भारतीय टीम उसे आसानी से चेज कर लेती। उनके इस बयान से इन दोनों टीमों के बीच के अंतर का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। टेस्ट सीरीज में मेहमानों का सफाया करने के बाद विराट कोहली की अगुआई वाली टीम अब वनडे में भी क्लीन स्वीप करना चाहती है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वे विपक्षी टीम को कोई छूट नहीं देना चाहेंगे।
शिखर के पास वक्त कम
टेस्ट टीम से बाहर किए गए शिखर धवन पर अब वनडे टीम में जगह बरकरार रखने का दबाव बढ़ चुका है। पृथ्वी साव और मयंक अग्रवाल के तौर पर दो ओपनर उनके विकल्प के तौर पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वेस्ट इंडीज के खिलाफ जिस पहले वनडे में विराट और रोहित शर्मा ने रनों की लड़ी लगा दी वहीं शिखर दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। एक और मैच में विफलता उनके लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।
रायुडू दिखा रहे हौसला
कप्तान विराट का विश्वास हासिल कर चुके मिडल ऑर्डर बैट्समैन अंबाती रायुडू हर जिम्मेदारी को बखूभी निभा रहे हैं। चौथे क्रम पर बल्लेबाजी पर उन्होंने कहा कि उनके लिए यह जिम्मेदारी नई बात नहीं है इसलिए उन पर कोई दबाव नहीं है। रायुडू से जब पूछा गया कि जिस तरह से 2017 के श्रीलंका दौरे के बाद से भारतीय टीम प्रबंधन ने इस स्थान के लिए सात बल्लेबाजों को आजमाया और तीन दिन पहले कप्तान विराट कोहली ने उनका समर्थन किया, ऐसे में क्या उन पर कोई दबाव है तो उन्होंने कहा, ‘बिलकुल नहीं। मुझे नहीं लगता की मेरे लिए यह नई बात है क्योंकि मैं लंबे समय से मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर रहा हूं। उन्होंने मुझ से कुछ नया करने को नहीं कहा है।’
पब्लिक चाहे ‘धोनी धमाका’
हमेशा अपनी तेजतर्रार पारियों की वजह से चर्चा में रहे महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों धीमी बैटिंग के कारण आलोचना के केंद्र में रहे हैं। हालांकि आलोचक भी उन्हें चूका हुआ नहीं मान रहे और उन्हें भी उम्मीद है कि धोनी अपने रंग में लौट आएंगे। और रंग में लौटने के लिए धोनी के पास यह सुनहरा अवसर है। यह वही ग्राउंड है जहां धोनी ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 148* रन की करियर टर्निंग इनिंग्स खेली थी। उस पारी की यादें आज भी विशाखापत्तनम के लोगों के जेहन में ताजा हैं। अपने चहते माही से वे एक बार फिर धमाकेदार बैटिंग की उम्मीद लगाए बैठे होंगे। यदि माही का बल्ला चल गया तो उनके नीचे गिरते करियर ग्राफ को एक उछाल मिल जाएगा।
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