आज तक पटना के अगम कुँए के रहस्य को कोई भी सुलझा नहीं पाया है
अगम कुँए के रहस्य: हमारे देश में बहुत से ऐसे रहस्य हैं। जो आज तक नहीं सुलझे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं पटना शहर की शायद आप सभी जानते होंगे। कि पटना को पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। पटना बिहार का ना सिर्फ एक प्रमुख शहर है। बल्कि यह बिहार की राजधानी भी है। वही आपको बता दें कि यह शहर पूरे भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक राजधानी के रूप में भी बहुत विख्यात रहा है। हमारे देश का यह ऐतिहासिक शहर आज भी अपने आप में ना जाने कितने रहस्यों को दबाए हुए हैं। आज हम आपको उन्हीं रहस्य में से एक रहस्य पटना के अगम कुआं के बारे में बताने वाले है।
वही इस कुएं को लेकर इतिहासकार कहते हैं। कि इस कुए का निर्माण आज से करीब 2000 साल पहले हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह कुआं जब से अस्तित्व में आया है। तब से लेकर आज तक यह कभी भी नहीं सूखा है। यह करिश्मा अपने आप में हैरान कर देता है।
इतने लंबे समय से यह कुआं सूखा नहीं है। यही अपने आप में एक बहुत बड़ी पहेली बना हुआ है। वही इस कुए को लेकर यह भी कहा जाता है। कि गर्मियों के समय में इस कुएं का पानी एक से डेढ़ फुट नीचे और बारिश के समय इस कुएं का पानी करीब एक से डेढ़ फुट बढ़ जाता है।
आपको बता दें कि यह कुआं सम्राट अशोक के समय में अस्तित्व में आया था। वही इस कुए के रहस्य को जानने के लिए करीब 3 बार कोशिश करी जा चुकी है। पहली बार सन 1932 में की गई थी। दूसरी बार सन 1965 में और तीसरी बार सन 1995 में। पर आपको बता दें कि अगम कुआं के रहस्य को आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है।
पटना शहर में मौजूद इस कुएं के बारे में यह भी कहा जाता है। कि जब भयंकर अकाल सूखा पड़ा था। तब भी इस कुए का पानी नहीं सूखा था। वही जब बाढ़ आई तब भी इस कुएं के पानी में कोई ख़ास ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई थी। वही वहां के स्थानीय लोग इस कुए को लेकर एक और रहस्य बताते हैं। वह कहते हैं कि कभी-कभी इस कुएं में मौजूद पानी का रंग बदल जाता है।
यहां के स्थानीय लोग इस अगम कुआं का संबंध पश्चिम बंगाल में मौजूद गंगा सागर से बताते हैं। दरअसल लोग कहते हैं कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी गंगासागर में गिर गई थी। जो कि वहां से बहते हुए। पाटलिपुत्र के इस रहस्यमई कुएं में अपने आप आ गई थी।
यह छड़ी आज भी कोलकाता के एक म्यूजियम में मौजूद है। सम्राट अशोक के समय में भारत घूमने आए। चीनी दर्शकों ने अपनी एक पुस्तक में उस छड़ी और इस रहस्यमई कुएं के रहस्य का जिक्र किया हुआ है।
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