बड़ी खबर : केंद्र सरकार ने डायबिटीज समेत 128 दवाओं के दाम में किए संशोधन, देखें पूरी लिस्ट

सरकार की दवा मूल्य निगरानी प्राधिकरण एनपीपीए ने 128 एंटीबायोटिक्स और एंटीवायरल दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने एक नोटिफिकेशन के जरिए इन दवाओं की अधिकतम कीमत तय की है। इनमें एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलानिक एसिड के एंटीबायोटिक इंजेक्शन, वैनकोमाइसिन, अस्थमा में इस्तेमाल होने वाला साल्बुटेमोल, कैंसर की दवा ट्रैस्टुजुमाब, दर्द निवारक इबुप्रोफेन और बुखार में इस्तेमाल होने वाली पेरासिटामोल शामिल हैं।
दवा कंपनियां केवल सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों के अनुसार उत्पाद को बेचना है
नोटिफिकेशन के मुताबिक एमोक्सिसिलिन के एक कैप्सूल की कीमत 2.18 रुपये, सेट्रीजी की एक गोली की कीमत 1.68 रुपये, आइब्रूफेन की 400 एमजी टैबलेट की कीमत अधिकतम 1.07 रुपये तय की गई है. एनपीपीए ने कहा कि इस अधिसूचना की सूची में शामिल दवाओं का निर्माण करने वाली सभी कंपनियों के साथ-साथ उन दवाओं से संबंधित यानी दवाओं के संयोजन को सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों के अनुसार उत्पादों को बेचना होगा। जो कंपनियां अपनी दवाएं निर्धारित कीमत से ज्यादा कीमत पर बेच रही थीं, उन्हें कीमत कम करनी होगी।
12 निर्धारित संयोजन दवाओं के खुदरा मूल्य भी निर्धारित किए गए
एनपीपीए ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ), 2013 के तहत निर्धारित 12 संयोजन दवाओं की खुदरा कीमतें भी तय की हैं। डायबिटीज के मरीजों को दी जाने वाली ग्लिमेपाइराइड, वोग्लिबोस और मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं की एक गोली की कीमत 13.83 रुपये तय की गई है. इसी तरह पैरासिटामोल, फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड, डिफेनहाइड्रामाइन हाइड्रोक्लोराइड और कैफीन की एक गोली का खुदरा मूल्य 2.76 रुपये निर्धारित किया गया है।
एनपीपीए की कार्यप्रणाली
वर्ष 1997 में स्थापित, एनपीपीए दवा उत्पादों की कीमतों को तय करने और संशोधित करने, डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने और नियंत्रित दवाओं की कीमतों की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
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