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जानिए आखिर क्यों कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को A व B नहीं बल्कि C स्टोर करता है?

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जानिए कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में ऐसी दिलचस्प जानकारी जिसे शायद ही आप जानते हो

computer storge

हमेशा यह कहा जाता है कि आज की युवा पीढ़ी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है और कहीं ना कही ये बात सच भी है। आज की युवा पीढ़ी हर क्षेत्र में आगे बढ़ते ही खुद को साबित कर रही है। हर तकनीक से जुड़े सवालों का जवाब बेहतर तरीके से जानती है। लेकिन कही ना कही ऐसे बहुत से सवाल है जो आज की पीढ़ी के पास नहीं है।कहा जाता है कि पहले की पीढ़ी के मुकाबले आज की पीढ़ी का दिमाग ज्यादा तेज़ है। तो सोचने की बात यह है कि अगर पहले ही पीढ़ी तकनीक का उपयोग इतनी बेहतरीन तरीके से कैसे करती थी।

आज के बच्चों को ही देख लीजिए वह बेहद कम उम्र में ही मोबाइल व कंप्यूटर का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करना जानते हैं।कंप्यूटर की C ड्राइव की बात की जाए तो यह कोई नहीं जानता कि यह इतना जटिल क्यों होती है, जिस कारण इसमें कोई भी एंट्री नहीं कर सकता।इतना ही नहीं कोई आज की पीढ़ी के लिए यह भी बताना मुश्किल है कि MS-Windows कंप्यूटर में C ड्राइव ज़रूरी क्यों होती है? साथ ही D, E व अलग तरह की ड्राइव्स के साथ कुछ भी किया जा सकता है, लेकिन C के साथ क्यों नहीं? जब हम USB लगाते हैं तो कंप्यूटर में तब F और G ड्राइव भी दिखती हैं, अब सवाल उठता है कि C, E, F और G नाम की ड्राइव कंप्यूटर में आसानी से दिख जाती है। लेकिन A और B नाम की Drive क्यों नहीं दिखती?

floppy disk
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पहले के दौर में कंप्यूटर की शुरूआत हुई थी तब कंप्यूटर में आज जितना स्पेस नहीं होता था। दरअसल उस समय फ्लॉपी डिस्क ड्राइव हुआ करती थी, जिन्हें A ड्राइव के नाम से पहचाना जाता था। पहले फ्लॉपी डिस्क दो साइज़ में होती थी एक 5 ¼ और दूसरी 3 ½, इनके लिए ही कंप्यूटर में A और B नाम के लेबल्स से ड्राइव होती थी। इन फ्लॉपी में सारे किये गए कार्यो को सेव कर के रखा जाता था। इसका कारण था कि उस समय Hard Disc में ज़्यादा स्पेस ना होना।1980 के बाद C ड्राइव Hard Drive के नाम से जाना जाता था। इस ड्राइव में कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम स्टोर किया जाता है, यह उसी तरह से होता है जिस तरह से आज के स्मार्टफोन में ऑपरेटिंग सिस्टम Android व ISO के लिए होता है।फ्लॉपी का चलन खत्म होता चला गया। जिससे की A व B ड्राइव के नाम पर केवल C ड्राइव ही रह गया। वैसे ऐसा जरूरी नहीं है कि जिस ऑर्डर में ड्राइव का नाम आता है, उसे वैसे ही रखा जाए। इसे आप बदल भी सकते हैं लेकिन ऐसा तब ही मुमकिन है जब आपके पास कंप्यूटर का Administrative Right हो। आप ड्राइव्स को A, B और C नाम दे सकते हैं।

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