आपको बड़ी प्रेरणा देती हैं इन 2 बहनों की कहानी, पैदा होते ही लोगों ने मां-बाप से कहां मार दो इनको, लेकिन..

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वह कहतें हैं ना भले ही आपकी लाइफ में कितने भी बड़ी समस्याएं क्यों ना हो अगर आप में जिदंगी जीने का हौसला हैं तो आप अपनी लाइफ में खुशी-खुशी जीएंगे। कुछ ऐसा ही कानपुर की रहने वाली इन जुड़वां बहनें ने कर दिखाया हैं। तस्वीरे देखकर आप समझ जाएंगे भले ही ये जुड़वां बहनें आम लोगों की तरह नहीं हैं लेकिन इनके कारनामे ऐसे-ऐसे हैं जिसे आप जानने के बाद यकीन नहीं करेंगे।

श्रुति और गौरी भाटला ने जब जन्म लिया तो परिवार वालें बेहद ही खुश हो गए और कहनें लगे की घर में एक नहीं बल्कि दो लक्ष्मी आयी हैं। लेकिन थोड़ी देर बाद जब डॉक्टर ने कहां की ये नार्मल नहीं हैं इनको ओस्टोजेनेसिस इम्पेरफेक्टा नामक बिमारी हो चुकी हैं जिसमें हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं की इंसान ना चल सकता हैं और नाही खुद से कुछ कर सकता हैं। ये सुनने के बाद परिवार के कुछ सदस्य और बाहरी लोग मां-बाप से कहनें लगे की इनको यहीं मार दो।

लेकिन श्रुति और गौरी के माता-पिता ने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि अपनी बेटियों को मोटीवेट किया। परिवार वालों की बात ना मानने पर श्रुति और गौरी सहित उनके माता-पिता को घर से बेदखल कर दिया गया। लेकिन श्रुति और गौरी ने खुद के सपनों को थमने नहीं दिया, उन्होंने अपने ख्वाहिश को साकार करने का फैसला किया। पहले तो इन्होंने अपनी चित्रण से हर लोगों का दिल जीत लिया फिर अपने गायन से बड़े-बड़े कलाकारों को पीछे छोड़ दिया।

आपको ये जानकर हैरानी होगी की कानपुर की रहने वाली ये जुड़वां बहनें श्रुति और गौरी भाटला ने अपनी अक्षमताओं को अपने सपनों के आड़े कभी नहीं आने दिया और इनकी कामयाबी के लिए इन्हें ‘बालश्री अवार्ड से भी नवाजा गया। इतना ही इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रुति और गौरी का कहनां हैं की अपनी कमजोरी को अपनी तागत बना लो फिर कामयाबी आराम से मिल जाएगी।

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