16 साल की नाबालिग लड़की का हुआ अपहरण, सच्चाई सामने आयी तो उड़ गए घर वालों के होश

प्रेमनगर इलाके के सर्राफ की नाबालिग बेटी की ब्लैकमेलिंग करके अगवा कर ले जाने की कहानी पूरी तरह फर्जी निकली। सर्राफ की बेटी खुद ही बदायूं के थाना मूसाझाग के तालगांव में रहने वाले अपने ड्राइवर के साथ गई थी। घर लौटने के लिए भी वह तभी तैयार हुई जब उसके परिवार वालों ने लिखकर दे दिया कि वे उसके दोस्त फैजी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लड़की की बरामदगी के बाद पुलिस ने उसके अपहरण के आरोप में हिरासत में लिए गए तीनों लड़कों को बेकसूर मानते हुए उन्हें छोड़ दिया है।

कन्या भूड़ इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली सर्राफ की सोलह वर्षीय बेटी बृहस्पतिवार सुबह लापता हो गई थी। परिवार के लोग सुबह सोकर जागे तो पिता के नाम उसका नोट मिला जिसमें काफी भावनात्मक अंदाज में लिखा था कि उसे बिन्नी और सुुमित नाम के लड़कों ने प्रेमजाल में फंसाया और नशा खिलाकर गलत वीडियो क्लिपिंग बना ली। वे उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं इसलिए मै घर छोड़कर जा रही हूं। मुझे भूल जाना। मामला थाने पहुंचा तो पुलिस ने बिन्नी और सुमित के खिलाफ मुकदमा लिखकर दोनों को थाने बुला लिया। इसके अलावा सुमित के दोस्त राहुल नाम के लड़के को भी पक़ड़ लिया गया। पुलिस छानबीन में लगी थी। इसी बीच पता चला कि दो महीने पहले जिला प्रशासन के सख्ती करने पर ऑटो रिक्शा और स्कूली वैन की हड़ताल के दौरान सर्राफ ने मूसाझाग (बदायूं) के तालगांव निवासी फैज उर्फ फैजी को अपनी कार का ड्राइवर रख लिया था। लड़की के साथ वह भी गायब है।

दरोगा रामवीर सिंह की अगुवाई में टीम तालगांव पहुंची तो फैज घर से भाग गया। पुलिस की सूचना पर गांव के करीब तीन सौ लोग इकट्ठा हो गए। प्रधान भी आ गए, उनका कहना था कि लड़की अपनी इच्छा से आई है। लड़के के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। गांव के लोगों के मुताबिक लड़की भी गांव से आने को तैयार नहीं थी। उसकी जिद पर सर्राफ और उसके परिवार वालों को लिखकर देना पड़ा कि वे फैज के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने लड़की पुलिस को सौंप दी। इससे यह बात साफ हो गई कि लड़की के अपहरण की कहानी झूठी है। सुमित उसका दोस्त बिन्नी और राहुल भी लड़की की कहानी में बेकसूर निकले। पुलिस के मुताबिक इनमें से किसी से एक साल से लड़की की बात नहीं हुई थी।

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