हनुमान जी के इस मंदिर को देख कर वैज्ञानिक भी है हैरान, जानें पूरी खबर
अक्सर आपने फल्मों में भूत-प्रेत को देखा होगा और इसी कारण बचपन से ही भूतों से डरने लगे होंगे। खासकर छोटे बच्चे भूत-प्रेत का नाम सुनते ही डर जाते है और भगवान का नाम जपने लगते है। बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए हिन्दू ग्रंथो में हनुमान जी को श्रेष्ठ माना गया है। और कहा जाता है कि जो व्यक्ति रोज हनुमान चालीस के पाठ करता है उसको बुरी आत्माओं का साया छू भी नहीं सकता।
राजिस्थान में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भी भूत-प्रेतों को हनुमान जी जड़ से खत्म कर देते है। जो व्यक्ति जिन्नात या अन्य बुरी शक्तियों से पीड़ित हो चुका है वह अपने आप को बचाने के लिए इस मंदिर में आता है। और कोई भी इस मंदिर से खाली हाथ वापसी नहीं लौटता है।
मंदिर में ऊपरी हवा से परेशान लोगों का इलाज
मंदिर में बड़ी संख्या में ऊपरी बाधा से ग्रसित लोग अजीबोगरीब हरकत करते नजर आते हैं, जिसे यहां पेशी आना कहते हैं. मंदिर परिसर में दिन-रात बालाजी का जयकारा लगाते हुए इन लोगों का इलाज करते देखा जा सकता है.
कहा जाता है कि मुस्लिम शासनकाल में कुछ बादशाहों ने इस मूर्ति को नष्ट करने का प्रयास किया। हर बार ये बादशाह असफ़ल रहे। वे इसे जितना खुदवाते गए मूर्ति की जड़ उतनी ही गहरी होती चली गई। थक हार कर उन्हें अपना यह कुप्रयास छोड़ना पड़ा। ब्रिटिश शासन के दौरान सन 1910 में बालाजी ने अपना सैकड़ों वर्ष पुराना चोला स्वतः ही त्याग दिया। भक्तजन इस चोले को लेकर समीपवर्ती मंडावर रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से उन्हें चोले को गंगा में प्रवाहित करने जाना था।
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