भूल कर भी ना करें हल्दी से इनकी पूजा वर्ना परिणाम होगा विपरीत

सभी देवी-देवताओं के विधिवत पूजन आदि कर्मों मेंबहुत सी सामग्रियां शामिल की जाती हैं। इन सामग्रियों में हल्दी भी शामिल है। पूजन कर्म में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। कई पूजन विधियां ऐसी हैं जो हल्दी के बिना पूर्ण नहीं मानी जा सकती। हल्दी भोजन को स्वादिष्ट बनाती है और यह एक औषधि भी है। इसका प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है। हल्दी इतनी महत्वपूर्ण होने पर भी इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। यहां जानिए शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए

  • भगवान शिव हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवताओं में से एक माने जाते हैं। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। भगवान शिव की पूजा अधिकतर शिव लिंग के रुप में की जाती है।
  • शिवलिंग बनने के लिए मान्यता है कि भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के घमंड को तोड़ने के लिए भगवान शिव ने शिवलिंग का रुप धारण कियाथा। इसके बाद से माना जाता है कि शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का स्वरुप है और उसने ब्रह्माण की ऊर्जा सम्मलित है।भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है। ये ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों से बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। कहा जाता है कि ये जितना जल्दी प्रसन्न होते हैं उतना ही तेज इनका क्रोध भी है।
  • इसी से जुड़ी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग वर्जित माना जाता है। भगवान शिव के अलावा हर देवता की पूजा में हल्दी को शुभ माना जाता है।
  • पौराणिक शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक होता है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित मानी जाती है। इसी कारण से शिवकी पूजा में हल्दी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि जो लोग शिव पूजा में हल्दी का प्रयोग करते हैं उनकी पूजा बेकार हो जाती है और उसका किसी प्रकार का फल नहीं मिलता है।
  • भगवान विष्णु के पूजन में विशेष सामाग्रियों में हल्दी सम्मलित होती है। इसी प्रकार कई ऐसी सामाग्रियां हैं जिनके बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी रह जाती है। भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र, धतुरा, गाय का शुद्ध दूध आदि समाग्रियां महत्वपूर्ण होती हैं। माना जाता है कि शिवलिंग में ऊर्जा का अत्यधिक प्रवाह होता है और उसे शीतल रखने के लिए इन सबका प्रयोग किया जाता है और हल्दी ऊर्जा को बढ़ाने का स्रोत होता है जिस कारण शिव पूजा में उसका प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए हल्दी:- शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए लेकिन जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है। शिवलिंग दो भागों से मिलकर बना होता है। एक भाग शिवलिंग शिवजी का प्रतीक है और दूसरा भाग जलाधारी माता पार्वती का प्रतीक है। शिवलिंग चूंकि पुरुष तत्व का प्रतिनिधित्व करता , अतः इस पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। जबकि, जलाधारी मां पार्वती की प्रतीक है अतः इस पर हल्दी चढ़ाई जानी चाहिए।

Comments are closed.