ब्रह्माण्ड का सबसे सुंदर विष्णु मंदिर, जाने कैसे प्रभु ने अपने ही नाखूनों से बना डाली झील

रोचक बातें: ऐसे तो राजस्थान में अनेको सुंदर और प्राचीन मंदिर स्थित है परंतु माउंट आबू के दिलवाड़ा जैन मंदिर की बात ही निराली है । इस ऐतिहासिक मंदिर को लोग दिलवाड़ा का अजूबा भी कहते है। इस मंदिर की शिल्प कला अपने मे अनोखी है । इसी कारण से मंदिर में विदेशी पर्यटकों की विशेष रुचि रहती है ।

यह कुल पांच मंदिरों का समूह जरुर है लेकिन मुख्य रूप से तीन मंदिर खास हैं। आपको बता दें दिलवाड़ा का ये मंदिर 48 खंभों पर टिका हुआ है। इसकी खूबसूरती और नक्काशी देखकर आपका मन नही भरेगा । अगर हम इसे राजस्थान का ताज महल कहे अतिशियोक्ति नही होगा। मंदिर की हर दीवार पर अनेको सुंदर आकृतियां बनी हुई है ।

इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने यहां बालमरसिया रूप में अवतार लिया है। गुजरात के बहुत ही साधारण से परिवार में बालमरसिया रूप का जन्म हुआ था । जन्म के कुछ ही समय बाद पाटन के महाराजा उनके मंत्री वस्तुपाल और तेजपाल ने माउंट आबू में इस मंदिर के निमार्ण की इच्छा जागी। तब बालमरसिया मंदिर की रूप लेखा लेकर वस्तुपाल और तेजपाल के पास पहुँचे । मंदिर की रूपरेखा देखने के बाद उन्होंने कहा यदि आप ऐसे मंदिर का निर्माण कर लेते है तो मैं अपनी पुत्री का विवाह आप से कर दूंगा। बालमरसिया ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और मंदिर का निर्माण शुरू हो गया।

परन्तु बालमरसिया की होने वाली दादीसास ने छल पूर्वक एक और शर्त रख दी कि अगर वे एक ही रात में सूरज निकलने से पहले अपने नाखूनों से खुदाई कर मैदान को झील में बदल दे तभी वे अपनी पोती की शादी बालमरसिया से करेंगी । उन्होंने ये कारनामा भी मात्र 1 घंटे में कर दिया । पर दादीसास ने फिर भी पोती के साथ विवाह कराने से मना कर दिया । तब बालमरसिया गुस्से में आकर दादीसास का वध कर दिया ।

उस वक्त इस मंदिर को तैयार करने में 1500 कारीगरों ने काम किया था। वो भी कोई एक या दो साल तक नहीं, पूरे 14 सालों तक। इस मंदिर के निर्माण में उस वक्त करीब 12 करोड़ 53 लाख रूपए खर्च किए गए।

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