पुदीना गुणकारी औषधीय नाम एक पर काम अनेक, जानिए
पुदीने की खुशबू और इसके स्वाद से भला किसे पसंद नहीं होगा। पोदीना का लेटिन नाम मेन्था स्पाइकेटा है। पुदीना बहुत ही स्वादिष्ट और रिफ्रेशिंग होता है। यह विटामिन ए से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत ही गुणकारी भी है। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। पुदीने को गर्मी और बरसात की संजीवनी बूटी कहा गया है।
स्वाद, सौन्दर्य और सुगंध का ऐसा संगम बहुत कम पौधों में दखने को मिलता है।
यह पेट के विकारों में काफी फायदेमंद होता है।पोदीना धातु के लिए हानिकारक होता है।
पोदीने में कैलोरी ,प्रोटीन, पोटेशियम, थायमिन, कैल्शियम, नियोसीन, रिबोफ्लेविन, आयरन, विटामिन-ए,बी ,सी डी और इ, मेन्थाल, टैनिन आदि रासायनिक घटक पाए जाते हैं।इसे तो देखते ही ठंडक दिल में उतर जाती है.
पोदीना है बड़े काम की चीज ,कई सारे रोग आप इससे दूर भी कर सकते हैं.
पित्तकारक प्रकृति होने के कारण पित्त प्रवृति के लोगों को पोदीने का सेवन कम मात्रा में कभी-कभी ही करना चाहिए।
पोदीना भारी, मधुर, रुचिकारी, मलमूत्ररोधक।
कफ, खांसी, नशा को दूर करने वाला तथा भूख को बढ़ाने वाला है।
फायदे
- पोदीने का रस कृमि (कीड़े) और वायु विकारों (रोगों) को नष्ट करने वाला होता है।
- पोदीने के 5 मिलीलीटर रस में नींबू का 5 मिलीलीटर रस और 7-8 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से उदर (पेट) के रोग दूर हो जाते हैं।
- चम्मच पुदीने का रस, 1 चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच शहद को मिलाकर सेवन करने से पेट के रोग दूर होते हैं।
- 100 मिलीलीटर पुदीना का रस गर्म करके, 9 ग्राम शहद और लगभग 6 ग्राम नमक को मिलाकर पीने से उल्टी होकर पेट की बीमारी ठीक हो जाती है।
- हरा धनिया, पोदीना, कालीमिर्च, अंगूर या अनार की चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से अरुचि (भूख का न लगना) समाप्त होती है।
- पाचन क्रिया तेज होने से भूख भी अधिक लगती है।
- 5-5 ग्राम पोदीना, लोहबान और अजवायन का रस, 5 ग्राम कपूर।
- 5 ग्राम हींग को 25 ग्राम शहद में मिलाकर एक साफ शीशी में भरकर रख लें।
- फिर पान के पत्ते में चूना-कत्था लगाकर शीशी में से 4 बूंदे इस पत्ते में डालकर खाने से गले का दर्द दूर होता है।
- शराब के अंदर पुदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग।
- धब्बे, झांई सब मिट जाते हैं और चेहरा चमक उठता है।
- पुदीना के रस को शहद के साथ पन्द्रह दिनों तक सेवन करने से पीलिया में लाभ होगा।
- पोदीने की चटनी नित्य रोटी के साथ खाने से पीलिया में लाभ होता है।
- 50 ग्राम पोदीने को पीसकर उसमें स्वाद के अनुसार सेंधानमक, हरा धनिया
- कालीमिर्च को डालकर चटनी के रूप में सेवन करने से निम्न रक्तचाप में लाभ होता है।
- हरे पोदीने को पीसकर कम से कम 20 मिनट तक चेहरे पर लगाने से चेहरे की गर्मी समाप्त हो जाती है।
- गठिया के रोगी को पोदीने का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है
- गठिया रोग में आराम मिलता है।
- 2 चम्मच पुदीने की चटनी शक्कर में मिलाकर भोजन के साथ खाने से मूत्र रोग में लाभ होता है।
- पोदीने की पत्तियों को थोड़े-थोड़े समय के बाद चबाते रहने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
- पोदीने की 15-20 हरी पत्तियों को १ गिलास पानी में अच्छी तरह उबालकर उस पानी से गरारे करने से भी मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
- पत्तों को पीसकर किसी जहरीले कीड़े के द्वारा काटे हुए अंग (भाग) पर लगाएं
- पत्तों का रस 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से आराम मिलता है।
- पत्तियों को पीसकर गाढ़े लेप को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से मल लें।
- सुबह चेहरा गर्म पानी से धो लें। इस लेप को रोजाना लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे।
- झांइयां और फुंसियां दूर हो जाती हैं और चेहरे पर निखार आ जाता है।
- बेहोश व्यक्ति को पुदीना की खुशबू सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
- पोदीने के पत्तों को मसलकर सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
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