जन्म के आधार पर जाने कि आप क्या है ? राक्षस, देवता या मनुष्य…

आज हम आपको बताने वाले हैं कि शास्त्रों के अनुसार आपका गण कौन सा है और गण के अनुसार आपके अंदर कौन-कौन सी खूबियां हैं।

शास्त्रों में तीन प्रकार के गणों बारे में बताया गया है

देवगण, मनुष्यगण, और राक्षसगण

देवताओं के समान व्यवहार करने वाले लोग देवगण में जन्म लेते हैं।साधारण मनुष्य के समान व्यवहार करने वाले लोग मनुष्यगण में जन्म लेते हैं और ,राक्षस के समान व्यवहार करने वाले लोग राक्षसगण में जन्म लेते हैं।

आज हम बताएंगे कि आपका जन्म किस गण हुआ और आपके पास कौन सी शक्ति हैं।

देवगण – देवगण में जन्मे लोग बहुत ही बुद्धिमान और दयावान होते हैं इनका दिमाग कंप्यूटर की तरह होता है और यह जीवन में उच्च सफलता को प्राप्त करते हैं।

अश्विनी ,अनुराधा, श्रवण ,मृगशिरा, पुष्प हस्त, स्वाति पुर्णवासू ,रेवती, नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग देवगण के लोग होते हैं।

मनुष्यगण – यह समान मनुष्य की तरह व्यवहार करते हैं इनके गुण और चरित्र समान मनुष्य की तरह होते हैं यह लोग जीवन में आने वाले दुख, दर्द और समस्याओं से घबरा जाते हैं और इनका सामना नहीं कर पाते इनकी आंखें बड़ी होती हैं।

फाल्गुनी , उत्तरी फाल्गुनी, भरणी, रोहिणी, उत्तर षाढ़ा,आर्दा , पूर्वा पूर्व षाढ़ा, पूर्व भद्रपद , में जन्म लेने वाले लोग मनुष्य गण के अंतर्गत आते हैं।इनमें दूसरों को बस में करने की अद्भुत क्षमता होती है।

राक्षसगण – राक्षस गण में जन्म लेने वाले लोग भयंकर और गुस्से वाले होते हैं लड़ाई झगड़ा इनके लिए आम बात होती है लेकिन इनकी अच्छााई यह होती कि ये किसी भी परिस्थिति से घबराते नहीं हैं और उसका डटकर सामना करते हैं।

कृतिका ,घनिष्ठ, मूला , शतभिषा, नक्षत्र के समय जन्मे लोग राक्षस गण के अंतर्गत आते हैं।

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