खून बनाने की मशीन हैं ये चीज, इतना खून बनेगा कि कभी बीमार नहीं होंगे

आज हम आपको अपनी पोस्ट में बता रहे हैं सालों से चली आ रही खून की कमी (Blood Problem) की समस्या को पूरा कर सकते हैं। दरअसल जब शरीर में रक्त का अभाव होता है तो एनीमिया रोग होता है इसके कई कारण होते हैं। खून की ज्यादा कमी से कई रोगी अपना काम करने में असमर्थ हो जाते हैं। इस रोग के उपचार में ज्यादा देर करने से जानलेवा स्थिति तक बन जाती है।

इस रोग में लाल रक्त कणों की संख्या और हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है।

इस रोग में भूख कम हो जाती है तेजी से कमजोरी बढ़ती जाती है

किसी भी काम को करने की इच्छा नहीं होती।

सीढ़ियों पर चढ़ने में घबराहट होने लगती है कई बार पैरों में सूजन भी आ जाती है। चेहरा पीला या फिर सफेद दिखने लगता है रोगी दस कदम भी चलने में कष्ट का अनुभव करता है।

आंखों की पलकों के नीचे रक्त वाहिनी नाडी की लालिमा कम हो जाती है। जिससे वे सफेद दिखने लगता है।

अनीमिया के कारण

अनियमित रूप से भोजन करने पर और भोजन में तेल, गरम मसाले, व अम्ल रस बने खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पाचन क्रिया खराब होने से एनीमिया की उत्पत्ति होती है।

ये रोग स्त्रियों में ज्यादा होता है कुछ स्त्रियां घर बाहर अधिक शारीरिक श्रम करती हैं।

लेकिन उन्हें पोस्टिक भोजन नहीं मिल पाता है इसीलिए एनीमिया से पीड़ित होती है।

इसके अन्य कारणों से किसी दुर्घटना से चोट लगने पर अधिक रक्त निकल जाने से रक्ताल्पता हो सकती है।

स्त्रियों को शिर्तुस्राव खराबी के कारण अधिक रक्तस्राव होने से एनीमिया की विकृति होती है।

ऐसे में शारीरिक कमजोरी होने से रक्त की कमी होने पर एनीमिया की उत्पत्ति होती है।

अधिक दिनों तक टी,बी, टाइफाइड, अर्श रोग, अतिसार मैं अधिक रक्त बहने से भी एनीमिया हो सकता है। गर्भावस्था में स्त्रियां भी इस रोग से ग्रस्त होती हैं।

एनीमिया के घरेलू उपचार

आंवले का चूर्ण 3 से 6 मासी की मात्रा में शहद के साथ नियमित रूप से सुबह शाम दे यह पेट की क्रिया को ठीक करके निश्चित रूप से एनीमिया को दूर करता है।

गिलोय का स्वरस 20 से 30 ग्राम की मात्रा में शहद

गुड़ के साथ सुबह-शाम सेवन करने से शरीर के लिए अच्छा रसायन प्रमाणित होता है।

रक्त विकार दूर होकर शुद्ध रक्त का निर्माण होता है।

मुलहठी का चूर्ण 4-4 ग्राम सुबह-शाम शक्कर

घी के साथ चाटकर ऊपर से दूध पीने से रक्त की वृद्धि होती है।

चित्रक की छाल को छाया में सुखाकर पीसकर रखें इस चूर्ण को 3 ग्राम मात्रा में सेवन करने से खून की कमी की बीमारी ठीक होती है। इसका पानी के साथ सेवन करें।

प्रतिदिन 200 ग्राम टमाटर काटकर उसमें सेंधा नमक

काली मिर्च का चूर्ण डालकर खाने से बहुत लाभ होता है।

खून की कमी होने पर टमाटर का सूप भी अधिक फायदेमंद होता है।

आंवले या सेब का मुरब्बा खाने और दूध पीने से लाभ होता है।

बेल के पत्तों का रस 5 ग्राम में थोड़ा सा काली मिर्च का पाउडर डालकर पीने से पाचन क्रिया तेज होने से शरीर में रक्त की वृद्धि होती है। गन्ने के 200 ग्राम ताजे रस में आवलो का रस 5 ग्राम और शहद 10 ग्राम मिलाकर पीने से एनीमिया में बहुत लाभ होता है।

एनीमिया में भोजन का ख्याल रखें शरीर में एनीमिया रोग के कारण को जानने के बाद उसे ठीक करने के लिए उपचार करवाना चाहिए।

भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों की मात्रा बढाकर एनीमिया का इलाज किया जा सकता है।

रोजाना सलाद के रूप में खीरा, प्याज, ककड़ी, चुकंदर, नींबू का रस, मूली,

गाजर का सेवन करने से खाने के प्रति अरुचि ठीक होने के साथ अधिक भूख लगती है।

इन सब्जियों का रस पीने से शारीरिक कमजोरी भी दूर हो जाती है।

अंगूरों को सुबह-शाम 100 ग्राम मात्रा में सेवन करने से एनीमिया ठीक हो जाता है।

दिल की तेज धड़कन भी सामान्य होती है।

एनीमिया के रोगी को रोजाना पालक, बथुआ, मेथी वगैरह की सब्जी का इस्तेमाल करना चाहिए।

गाजर और चुकंदर तथा अनार का जूस भी काफी लाभकारी होता है।

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