उठ जाएंगे होश इन 4 अजीबोगरीब रेलवे ट्रैक को देखकर, एक को बोला जाता है टनल ऑफ लव

Will wake up looking at these 4 strange railway tracks, one is said to be the tunnel of love रेलवे ट्रैक

तो इस पूरी दुनिया में हजारों रेलवे ट्रैक बने हुए हैं जिन पर ट्रेन सफर करती है। दुनिया में कुछ अजीबोगरीब रेलवे ट्रैक भी बने हुए हैं, जो सुर्खियों में रहते हैं। आपको बता दें कि अपने अनोखेपन के कारण ये रेलवे ट्रैक लोगों का ध्यान अपनी ओर खूब खींचते हैं। आज हम आपको हमारी इस पोस्ट में दुनिया के अमेजिंग रेलवे ट्रैक के बारे में बताने जा रहे हैं।

सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-

सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन

1000 से भी ज्यादा रेलवे की सभी नौकरियों की सही जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें 

1. जॉर्जटाउन लूप रेलरोड, यूएसएWill wake up looking at these 4 strange railway tracks, one is said to be the tunnel of love रेलवे ट्रैक

कोलोराडो का जॉर्जटाउन लूप ट्रैक का निर्माण कार्य 1884 में पूरा कर लिया गया था।

बता दे कि जॉर्ज टाउन और सिल्वर प्लम कस्बों की संर्कीण पहाड़ियों से होकर यह ट्रैक गुजरता है। इ

न दोनों जगहों को कनेक्ट करने के लिए ट्रैक की ऊंचाई करीब 600 फीट है।

इस ट्रैक पर चार पुल है, जिसमें से एक पुलडेविल गेट हाई ब्रिज कहलाता है।

2. द डेथ रेलवे, थाईलैंड

बता दे कि यह बैंकॉक, थाईलैंड और रंगून, बर्मा के बीच 415 किलोमीटर (258 मील) का ट्रैक है। हम आपको बता दें कि इस रेलवे ट्रैक को बनाते समय 90,000 से अधिक कर्मचारियों और 16,000 एलाइड कैदियों की, पुल निर्माण के दौरान नदी में गिर जाने से मौत हो गई थी।Will wake up looking at these 4 strange railway tracks, one is said to be the tunnel of love रेलवे ट्रैक

इसलिये इस रेलवे ट्रैक को डेथ ट्रैक रेलवे भी कहा जाता है।

3. गेओनग्वा स्टेशन, दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया के जीनहे क्षेत्र में 340,000 चेरी के पेड़ हैं। बता दे कि यहां के पेड़ों से फूल गिरते हैं और जमीन पर बिछ जाते हैं।

गेओनग्वा स्टेशन भी इसी क्षेत्र में हैं और यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

4. टनल ऑफ लव, यूक्रेनWill wake up looking at these 4 strange railway tracks, one is said to be the tunnel of love रेलवे ट्रैक

यूक्रेन का ऑफ लव यूक्रेन के क्लेवान शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

बता दे कि यह 3 किलोमीटर के दायरे में फैला प्राइवेट रेलवे ट्रैक है, जो पेड़ों से इस कदर ढका हुआ है कि ये पूरे रास्ते को ग्रीन टनल का रूप देते हैं।

बता दें कि यह ये टनल साल में 3 बार अपना रंग बदलती है।

जब बसंत आता है ये टनल पूरी हरी हो जाती है और गर्मियों में ये टनल हल्की भूरी हो जाती है।

जबकि सर्दियों के मौसम में ये टनल सफेद बर्फ की चादर ओढ़ लती है।

Comments are closed.