आयुर्वेद: जाने कैसे गिलोय के पत्तों से आपके शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाते है

आयुर्वेद में बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज मौजूद है। इसमें एक से बढ़कर एक औषधियों की जानकारी मिलती है। ऐसी ही एक औषधि के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं। वह औषधि है गिलोय। जी हां मित्रों गिलोय एक लत्तीदार पौधा है, जो अपने दुर्लभ औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इस पौधे की पत्तियों से लेकर डंठल तक सब कुछ औषधीय उपचार में प्रयोग किया जाता है। वैसे तो यह बहुत सी चीजों में फायदेमंद होता है, लेकिन विशेष तौर पर इसका उपयोग रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए किया जाता है।

किस रोग में करते हैं उपयोग –

गिलोय का प्रयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पीड़ा दूर करने।

रक्त में तेजी से कम हो रहे प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

मुख्य रूप से इसका उपयोग डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया आदि रोगों में किया जाता है, जो कि मच्छरों के काटने से फैलते हैं। इन रोगों में तेजी से रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं, जिससे रोगी की जान भी जा सकती है।

ऐसे में गिलोय के डंठल से तैयार किया हुआ काढ़ा रोगी को दिया जाता है।

जिससे रोगी को शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

कैसे करें गिलोय से उपचार –

ऊपर बताए हुए रोगों के उपचार के लिए गिलोय के डंठल से तैयार किया हुआ काढ़ा रोगी को दिया जाता है। इसके लिए लगभग 5 से 6 इंच लंबी गिलोय की डंठल को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। इन टुकड़ों को एक से डेढ़ गिलास पानी में रख कर उबालें। जब यह आधा हो जाए, तब इसे आंच से उतारकर ठंडा कर लें और रोगी को पीने के लिए दें। इसी औषधि को दिन में दो से तीन बार रोगी को देने से रुधिर में प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ने लगते हैं और रोगी जल्दी रिकवर करने लगता है।

गिलोय का पौधा न मिले तो क्या करें –

अगर आपको गिलोय का ताजा पौधा नहीं मिल पाता है।

तो आप अपने किसी नजदीकी आयुर्वेदिक औषधालय से इसके वैकल्पिक गोली भी ले सकते हैं। इन वैकल्पिक गोलियों में गिलोय धनवटी और गिलोय क्वाथ् आदि शामिल हैं।

इन आयुर्वेदिक गोलियों का सेवन बताए हुए निर्देशानुसार करें।

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