आप भी करते हैं ज्यादा शराब का सेवन, आज ही जाने इसके नुकसान वरना पछताएंगे

आज के वर्तमान समय में युवा शराब का सेवन करते हैं। आज हम आपको शराब व धुम्रपान से होने वाले खतरे के बारे में बताएंगे। धुम्रपान और शराब का अधिक सेवन जीवन भर के तीव्र व अनियमित ह्रदय गति के जोखिम को बढ़ाता हैं, जो आगे चलकर स्ट्रोक, डिमेंशिया, दिल की विफलता और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकता हैं। जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन के रूप में जाना जाता हैं। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ हैं। अध्ययन के मुताबिक, सामान्य परिस्थितियों में धड़कते समय ह्रदय सिकुड़ता हैं और आराम की स्थिति में होता हैं। एट्रियल फाइब्रिलेशन में, दिल के ऊपरी कक्ष में अनियमित धड़कन होती हैं, जबकि वेंट्रिकल्स में रक्त को पहुंचाने के लिए इसे नियमित रूप से धड़कन की जरूरत होती हैं।

वेंट्रिकल्स से रक्त पंप करने से लेकर एट्रिया में रक्त की प्राप्ति से शुरू होने वाली प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित होती हैं और इसके बारे में दिल सहित विद्युत सर्किट पूरा हो जाता हैं। इन घटनाओं में कोऑर्डिनेशन की थोड़ी सी भी कमी दिल की लय में परेशानी पैदा कर सकती हैं और एट्रियल फाइब्रिलेशन ऐसी ही एक परेशानी हैं।

इन लोगों में इसका जोखिम अधिक रहता हैं जो शराब अधिक पीते हैं। इस स्थिति में एट्रियल कक्ष अनियमित रूप से सिकुड़ता हैं। जिसकी गति कई बार 400 से 600 गुना प्रति मिनट की हो सकती हैं। कार्डियक चैम्बर में मुख्य रूप से बाएं एट्रिया में रक्त के वेंट्रिकल्स में भरने और रक्त के स्टेसिस के कारण थक्का जमने लगता हैं। यह थक्का कार्डियक चैम्बर से निकल कर परीधिय अंगों में माइग्रेट कर सकता हैं और इसके कारण मस्तिष्क में स्ट्रोक हो सकता हैं।

एट्रियल फाइब्रिलेशन के कुछ लक्षणों में दिल तेजी से धड़कना, अत्यधिक चिंता महसुस होना, सांस लेने में कठिनाई, थकान, हल्कापन और सिंकोप शामिल हैं। 40 प्रतिशत से अधिक लोग एक ही बैर में पांच स्टेंटर्ड ड्रिंक्स लेते हैं। ‘हॉलीडे हार्ट सिंड्रोमO एक आम आपातकालीन दशा हैं, जिसमें अल्कोहल के कारण एएफ 35 से 62 प्रतिशत हो जाता हैं। तीन विश्लेषणों से पता लगा हैं कि कम मात्रा में शराब पीने की आदत से भी पुरूषों और महिलाओं में एएफ की घटनाओं में वृध्दि हो जाती हैं।

अन्य स्थितियों के साथ आपके दिल के स्वास्थ्य को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना हैं कि आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और जोखिम को कम करें। कम उम्र में किए गए जीवन शैली संबंधी बदलाव दिल को किसी भी नुकसान से बचा सकते हैं। बचपन से ही ऐसी आदतों को जन्म देना जरूरी है जो आगे चलकर लाभदायक साबित हो। बुजुर्ग लोग खाने, पीने और स्वस्थ जीवन शैली के मामले में एक उदाहरण पेश कर सकते हैं।

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